अपनी धुरी पर स्थिर और अचल सूर्य देखता है फूल को¸ चिड़िया को¸ बच्चे को अपने ही प्रताप से पकती फ़... अपनी धुरी पर स्थिर और अचल सूर्य देखता है फूल को¸ चिड़िया को¸ बच्चे को अपने ह...
अनंत रेखाओं से सारे संसार को चला रहे हैं रवि, असीम रेखाएं से मनोहर बने जलाशयों की छवि, अनंत रेखाओं से सारे संसार को चला रहे हैं रवि, असीम रेखाएं से मनोहर बने जलाशयो...
मालूम है, ये कहाँ जाते है ? वो बोली, एक कहता है, अपनों के पास और दूसरा कहता है, अपनों के साथ...... मालूम है, ये कहाँ जाते है ? वो बोली, एक कहता है, अपनों के पास और दूसरा कहता...
मेरे अस्तित्व की, 'पहचान' बनने के लिए, देखो ! सुर्योदय हुया... मेरे अस्तित्व की, 'पहचान' बनने के लिए, देखो ! सुर्योदय हुया...
खिले वसंत ऋतु जब भी सदा ये प्रकृति सारी मुस्काती है खिले वसंत ऋतु जब भी सदा ये प्रकृति सारी मुस्काती है
रेप: कहने में कितना आसान होता है न! पर उस पीड़िता का क्या होता है! क्या ये कभी समाज रुपी दरिंदा समझ ... रेप: कहने में कितना आसान होता है न! पर उस पीड़िता का क्या होता है! क्या ये कभी स...