मैं ही हूँ प्रभात कि उदित किरण, उर शाम कि अस्त किरणों, का समाहार, आनन्द कि लहर मैं हूँ मैं ही हूँ प्रभात कि उदित किरण, उर शाम कि अस्त किरणों, का समाहार, आनन्द कि लहर म...
सब कुछ छोड़कर मन कहेगा, बनूँगा फ़कीर जैसे, 'सम्राट अशोक' ।। सब कुछ छोड़कर मन कहेगा, बनूँगा फ़कीर जैसे, 'सम्राट अशोक' ।।
रूपांतरित कर देना का सब कुछ खुद सा सब कुछ स्वीकार करते हुये। रूपांतरित कर देना का सब कुछ खुद सा सब कुछ स्वीकार करते हुये।
आनन्द की कहानियां पिये हुये सफर में आनन्द ही आनन्द हो गया। आनन्द की कहानियां पिये हुये सफर में आनन्द ही आनन्द हो गया।
प्रेम पा रहा हूँ आनंद पा रहा हूँ। प्रेम पा रहा हूँ आनंद पा रहा हूँ।
सारे गम हम दूर भगा लें, आओ इस बरसात में। मन मोरनी बनाकर नाच लें, आओ इस बरसात में। सारे गम हम दूर भगा लें, आओ इस बरसात में। मन मोरनी बनाकर नाच लें, आओ इस...