सब कुछ छोड़कर मन कहेगा, बनूँगा फ़कीर जैसे, 'सम्राट अशोक' ।। सब कुछ छोड़कर मन कहेगा, बनूँगा फ़कीर जैसे, 'सम्राट अशोक' ।।
हो कोई भी तुम से छोटा या बड़ा, सभी को मोहब्बत से गले लगाया करो। हो कोई भी तुम से छोटा या बड़ा, सभी को मोहब्बत से गले लगाया करो।
भौजी को चिढ़ाने का, बहनों को सताने का, पत्नी को मनाने का, यारों से सुनने का, बेसुर हो फिर भी गाते ... भौजी को चिढ़ाने का, बहनों को सताने का, पत्नी को मनाने का, यारों से सुनने का, ब...
परवाह अपनी करता नहीं बेवफाओं पर मरता नहीं पर्वत समुन्दर से डरता नहीं इतने में दिल भरता नहीं... परवाह अपनी करता नहीं बेवफाओं पर मरता नहीं पर्वत समुन्दर से डरता नहीं इत...
पढ़ लो कविता कर लो बूंदों का एहसास बस यही है इस सूखे कवि के दिल की बरसात। पढ़ लो कविता कर लो बूंदों का एहसास बस यही है इस सूखे कवि के दिल की बरसात।
अजब सा दुलार, गज़ब सी मार अनाथ भी पले, बुढ़ापा भार। अजब सा दुलार, गज़ब सी मार अनाथ भी पले, बुढ़ापा भार।