वक्त
वक्त
अजब तेरी माया, गज़ब तेरे ढंग
दुनिया को चलाए अपने संग -संग।
अजब तेरे खेल, गज़ब तेरे मेले
दुनिया की भीड़ में हम हैं अकेले।
अजब तेरी करनी, गज़ब तेरी भरनी
किसी को रूलाती, किसी को पिटवाती।
अजब तेरा आना, गज़ब तेरा जाना
क्या होगा अब, हर शक्स अनजाना।
अजब तेरा रूप, गज़ब तेरे ढँग
सुखी वही जो चले तेरे संग।
अजब का दाता, गज़ब का लुटेरा
सुख देकर भी चैन छीन लेता।
अजब का कर्ता, गज़ब का धर्ता
करनी का फल यही दे देता।
अजब सा दुलार, गज़ब सी मार
अनाथ भी पले, बुढ़ापा भार।
अज़ब तेरी शिक्षा, गज़ब तुम शिक्षक
तुम्हारी मार सिखाती हर पल।
अजब तेरा दान, गज़ब के दाता
मुकद्दर बदलने का अवसर दिलाता।
अजब तेरा हाथ, गज़ब तेरी लकीर
साथ वाला राजा, न चला वो फकीर।
