वक़्त का सब शोर ही करते रह गए, वह था कि चुपके से निकल गया। वक़्त का सब शोर ही करते रह गए, वह था कि चुपके से निकल गया।
सब्र थोड़ा तो कर, इन्साफ करेगा तेरा वो रब। सब्र थोड़ा तो कर, इन्साफ करेगा तेरा वो रब।
जिनसे चाहती हूँ दिल की बात कहना। जिनसे चाहती हूँ दिल की बात कहना।
वो अपनापन व प्यार दे जाते हैं कुछ अनकहे रिश्ते। वो अपनापन व प्यार दे जाते हैं कुछ अनकहे रिश्ते।
जैसे भीड़ में कदम तलाशे हर अनजान चेहरों में। जैसे भीड़ में कदम तलाशे हर अनजान चेहरों में।
हाँ, हैं तेरे कुछ बेजान चीज़ें अभी लगे जैसे ये यादों ही इसमें जान भर रहा। हाँ, हैं तेरे कुछ बेजान चीज़ें अभी लगे जैसे ये यादों ही इसमें जान भर रहा।