तितली से रिश्ते
तितली से रिश्ते
कभी-कभी इस दुनिया के अनजान रस्ते,
मिल जाया करते हैं कुछ नायाब फ़रिश्ते।
शायद क़िस्मत की लकीरों में लिखे होते हैं वो,
तभी तो ज़िंदगी में बन ही जाते हैं कुछ अनकहे रिश्ते।।
कभी-कभी।
मतलब की दुनिया में रिश्ते हो चुके हैं इतने सस्ते,
कि अब बात ही बात पर काँच-से कुछ बिखर जाते हैं रिश्ते।
ख़ून के रिश्ते से कहीं ज़्यादा बढ़कर,
वो अपनापन व प्यार दे जाते हैं कुछ अनकहे रिश्ते।
कभी -कभी।
