हमारी आँख पे पर्दा पड़ा है
हमारी आँख पे पर्दा पड़ा है
नज़र के सामने सोना पड़ा है
हमारी आँख पे पर्दा पड़ा है।
उठाकर इसको सीने से लगा लूँ
कोई मासूम सा बच्चा पड़ा है।
ज़हर बोते हैं जो उनको पता क्या
समूचे गाँव में स्यापा पड़ा है।
मेरा तू क़त्ल कर, पर याद रखना
जो आया है, उसे जाना पड़ा है।
कमाता हूँ, मगर बचता नहीं है
हमारी जेब पर डाका पड़ा है।
मनाता मैं फिरूँ किस-किसको बोलो
जिसे देखो वही रूठा पड़ा है।
तुम्हारी बादशाहत तोड़ देगा
हमारे हाथ में इक्का पड़ा है।
लड़ा है आखिरी दम तक कोई फिर
विखंडित रथ का ये पहिया पड़ा है।।
