"पवित्र कार्तिक गुरु पूर्णिमा"
"पवित्र कार्तिक गुरु पूर्णिमा"
आई है, पावन कार्तिक गुरु पूर्णिमा
इस दिन हुआ, कुदरत का करिश्मा
गुरु नानक देव का अवतरण हुआ
निन्होने मिटायी, झूठ, छल, कालिमा
इस दिन को प्रकाश पर्व भी कहते,
उन्होंने प्रकाश फैलाया था, अनुपमा
गुरु-शिष्य परम्परा का चलाया लम्हा
आई है, पावन कार्तिक गुरु पूर्णिमा
जिसने मानवता को माना, बस अपना
गुरु नानक देव तो थे, एक ऐसे चंद्रमा
जिन्होंने मिटाया रात्रि का अंधेरा घना
उन्होंने अंधविश्वास की निकाली हवा
वो कहते, रब एक, उनके कई नाम, उपमा
गुरु नानक देव, ने बताई ईश्वर महिमा
उसके अनन्त, अकथ, अनादि गरिमा
आप बने, सिखों के प्रथम गुरु ब्रह्मा
आओ उनकी शिक्षा को ग्रहण करे,
दुनिया में फैलाये प्रकाश का तना
वही इस, दुनिया का सच्चा सूरमा
जो, इंद्रियों पर करे, नियंत्रण, हर लम्हा