गजब
गजब
गजब है नजर तेरे नैनो की,
जिसे देखकर हम घायल बन जाते है,
गजब है सुंदरता तेरे चहेरे की,
जिसे देखकर हम मोहित हो जाते है।
गजब है भाषा है तेरी पलकों की,
जिसे देखकर दिलमें बिजली दौड़ती है,
गजब है बोली तेरे अधरों की,
जिसे देखकर हम शायर बन जाते है।
गजब है कोमलता तेरे हाथों की,
जिसे देखकर छूने का मन होता है,
गजब है चाल तेरे पैरों की,
जिसे देखकर हम नाचने लगतें है।
गजब है असर तेरे यौवन की,
जिसे देखकर हम मदहोंश बन जाते है,
गजब का नशा है तेरे ईश्क का "मुरली",
तेरे ईश्कमें हम डूबतें ही रहते है।