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Amit Singhal "Aseemit"

Drama Classics Inspirational

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Amit Singhal "Aseemit"

Drama Classics Inspirational

अंतर आत्मा की आवाज़

अंतर आत्मा की आवाज़

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केवल वही इंसान सुन पाता अंतर आत्मा की आवाज़।

जिसने न दुखाया हो किसी का मन,न किया हो नाराज़।


सोचे अगर इंसान कि वह क्यों आया है इस दुनिया में।

छोड़ दे बुरे कर्म और समय लगाए अच्छे कर्म क्रिया में।


जो इंसान जीवन में केवल पुण्य व सत्कर्म ही है करता।

वही इंसान सुख से जीवन जीता और चैन से है मरता।


न हो कभी ऐसा काम अपना मुंह किसी से पड़े छुपाना।

दृढ़ निश्चय कर लो ये, ऐसे सुविचार अपने मन में लाना।


फिर देखना तुम्हें आशीर्वाद और समृद्धि देंगे परमात्मा।

मन सदैव शुद्ध रहेगा व सदा प्रसन्न रहेगी अंतर आत्मा।


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