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SHREYANSH KUMAR

Drama Romance Tragedy

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SHREYANSH KUMAR

Drama Romance Tragedy

सिलसिला थम गया है उम्मीदों का

सिलसिला थम गया है उम्मीदों का

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सिलसिला थम गया है उम्मीदों का किसी को अपना कहने का

नहीं रही चाहते अब किसी बेगाने को अपना कहने का

सिलसिला थम गया है यादों का किसी के किए हुए वादों का

नहीं रही उम्मीदें उनसे मिलने का


जिन्हें जाना था मुझे छोड़ के जाने का

अब अगर लौटकर आए मेरे जीवन में भी अगर

तो कह देना भुला दिया है मैंने उनके दिए हुए हर दर्द को

नहीं रही चाहते अब उनसे मिलने की


थम गया है सिलसिला अब मिलने का

उनकी यादों को अब मुझे है भूल जाने का

नहीं रहीं चाहते अब उनसे मिलने का

सिलसिला थम गया है उम्मीदों का किसी को अपना कहने का

नहीं रही चाहते अब किसी बेगाने को अपना कहने का !


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