इक लड़की हैं जो कभी रोती नहीं
इक लड़की हैं जो कभी रोती नहीं
इक लड़की है, जो टूटी है,
मगर कुछ कहती नहीं
जुबां तक बातों को लाती है,
मगर आँखों से कुछ कहती नहीं
टूटे है उसके अंदर जो सब्र के बाँध
आंखों में आँसू हो कर भी,
मगर कभी रोती नहीं
इक लड़की है जो कभी हंसती नहीं...
रख अपने दिल में तकलीफों का जहां लिए
अपनों की खातिर वो सब की सुनती है
इक लड़की है जो कभी हंसती नहीं
ना ही उम्मीद, ना ही मोहब्बत, ना कोई दरमियान
अपनों की खातिर हर रिश्ते को कबूल करती है
इक लड़की हैं जो कभी हंसती नहीं
सुना हैं हंसती थी बहुत, किसी के यादों में खोए खोए सी रहती थी
दिल टूटा तो उसे रोना आया
पर अब भी वो आंखों में आंसू लाती नहीं
इक लड़की है जो कभी हंसती नहीं !!!

