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SHREYANSH KUMAR

Tragedy

4  

SHREYANSH KUMAR

Tragedy

कुछ का कुछ हो जाता है...

कुछ का कुछ हो जाता है...

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कुछ का कुछ हो जाता है

जब शादी के बाद बेटा बदल जाता है

बूढ़ी मां को छोड़ वो अपने वैवाहिक जीवन में सुखी हो जाता है

अपने मात-पिता के कर्तव्यों को भूल कर

बस वो अपनी पत्नी का होकर रह जाता है

ऐसी विकट परिस्थितियों में वो उनको ऐसे रुलाता है

अपने पिता के संघर्षों को भूल कर,

वो उन्हें ही ज्ञान की बातें बतलाता है

जिस मां को पहला गुरु और पिता को

संसार कहा जाता है

वो उन्हें पग पग पर खूब रूलाता है

जिस कच्ची उम्र में वो पिता को प्रेरणा का स्रोत बताता है

आज वह उसी पिता को आंखें दिखलाता है

कैसी अजीब असमंजस छाई है इस समाज में

क्यों भूल जाता है एक बेटा कि वह भी बनेगा इक पिता इस संसार में!!!



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