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Sangeeta Aggarwal

Tragedy

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Sangeeta Aggarwal

Tragedy

तकदीर

तकदीर

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माँ बाप के घर लड़की को मेहमां होना पड़ता है

सात फेरों का यही सौदा तो सबसे महंगा पड़ता है

जहाँ पैदा हुई पली बढ़ी जवान हुई

उसी घर के लिए क्यों आज लड़की मेहमां हुई

कैसी रीत हे ईश्वर तुमने बनाई है 

सोचना पड़ता उस घर आने को जिस घर की जाई है 

ये सोच के आँखें नम हुई जाती है

लड़की एक लड़की होने की कितनी बड़ी कीमत चुकाती है

बाप के घर भी आती है तो पति की इजाजत से

शादी होते ही क्यों लड़की की तक़दीर बदल जाती है


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