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Abhimanyu Singh

Tragedy

5.0  

Abhimanyu Singh

Tragedy

राजनीति के दलदल में गौ माता

राजनीति के दलदल में गौ माता

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सबकी ओर करूण दृष्टि से, 

देख रही है गौ माता। 

राजनीति के दलदल में, 

घुटने टेक रही है गौ माता। 


रंगमहल में लगा गलीचे, 

खादी रंग पर लहू के छींटे। 

भगवा रंग का लेप लगाए, 

देख रहे हैं आँखे भींचे। 


गौ रक्षक को सौदा करते, 

देख रही है गौ माता ।

राजनीति के दलदल में, 

घुटने टेक रही है गौ माता। 


गौ रक्षा का शपथ उठाकर, 

राजनीति के फनकारों तक। 

चीख चीख कर क्षेत्र-क्षेत्र,

और सत्ता के गलियारों तक। 


कत्लखानों का लाइसेंस बाटते, 

देख रही है गौ माता ।

राजनीति के दलदल में, 

घुटने टेक रही है गौ माता। 


बिना भेदभाव के गौ माता, 

सबको दुध पिलाती है। 

दुध पिला कर हिन्दू मुस्लिम, 

सबकी माँ बन जाती है। 

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माँ का कत्ल जो करता है, 

मातृ हन्ता कहलाता है। 

जन्नत उसे नसीब नहीं, 

दोजख में फेंका जाता है। 


देख कर मानव की लोलूप्ता, 

गौ माँ की आंखें बहती है। 

गौर से सुनों ऐ हिन्दू मुस्लिम, 

गौ माता क्या कहती है ।


मै कटती हूूँ कटने दो, 

मानवता मत बटने दो। 

मुझे घसीटो मत दल-दल में, 

इससे मरती मैं पल-पल में। 


इतना करूणा मत फेको मुझ पर, 

राजनीति मत सेंको मुझ पर। 

हिन्दू मुस्लिम सीख ईसाई, 

बन बैठे हो सभी कसाई। 


गौ रक्षा का वर देते हो, 

गौ हन्ता से कर लेते हो। 

आंखें खुली है बंद नहीं, 

सब देख रही है गौ माता। 


राजनीति के दलदल में, 

घुटने टेक रही है गौ माता। 




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