प्रयोगशाला
प्रयोगशाला


जीवन से बड़ी प्रयोगशाला
इस दुनिया में और कोई नहीं है
रिश्तों के रासायनिक विलयन से
जो आनंद रूपी पदार्थ बनता है
उसका कोई जवाब नहीं है ।
संवेदनाओं की धातु पर
जब अपमान का अम्ल गिरता है
तब एक भयानक विस्फोट होता है
और सब कुछ नष्ट हो जाता है ।
जीवन की इस प्रयोगशाला में
बेइमानी , धोखाधड़ी , धूर्तता
का रसायन बहुतायत में होता है
सच्चाई , ईमानदारी का स्टॉक
अब धीरे धीरे समाप्त हो रहा है
रिश्तों की सुलगती आंच में
जैसे बुढ़ापा झुलस रहा है
भारी भारी बस्तों के बोझ तले
मासूम सा बचपन पिस रहा है
वफादारी की पैकिंग के अंदर
बेवफ़ाई का पाउडर बिक रहा है
इस कारण इस प्रयोगशाला का
तापमान दिनों दिन बढ़ रहा है
हर एक इंसान के अंदर
अहंकार की गैस भरी हुई है
झूठ के तीखे आक्रमण से
सच्चाई की बुनियाद हिली हुई है
अपना काम निकलवाना ही
सबका एकमात्र उद्देश्य रह गया है
मनुष्य का जीवन अब तो
प्रपंचों की प्रयोगशाला बना गया है ।