बेटी
बेटी
मत दिखाओ सपने बेटियों को
जादुई दुनिया के राजकुमार के।
मत दिखाओ सपने बेटियों को
मिथ्या प्यार के।
ऐसी दुनिया में डूब बेटियां आखिर क्या पाएंगी
एक दिन हकीक़त के क्रूर
क़दमों तले रौंद दी जाएंगी।
दिखाने है गर उन्हें सपने तो
आसमान की उड़ान के दिखाओ।
दिखाने है गर उन्हें सपने तो
अपनी पहचान के दिखाओ।
तभी बेटियां भी इस जग में बेटों सा मान पाएंगी।
तभी बेटियां भी उन्नति के
शिखर पर अपना परचम लहराएंगी।
सही मायने में तभी
बराबरी की सोच का सपना साकार होगा।
जब मां बाप के दिल में
बेटा बेटी दोनो के लिए एक सा प्यार होगा।
तभी हर बेटी खुल कर जी पाएगी
जब हाथ मे उसके शिक्षा का अधिकार होगा।