यूँ बंद नहीं होगा
यूँ बंद नहीं होगा
करते हैं करेंगे हम सम्मान तिरंगे का
यूँ बंद नहीं होगा गुणगान तिरंगे का
सर काट दो बेशक पर हमको न ग़ुलामी दो
गोली से डरेंगे क्या तोपों की सलामी दो
मर कर न चुका सकते एहसान तिरंगे का
यूँ बंद नहीं होगा गुणगान तिरंगे का
हम बूढ़े भारत की बेख़ौफ़ जवानी हैं
वीरों की हैं कुर्बानी हम हिंदुस्तानी हैं
बर्दाश्त नहीं होगा अपमान तिरंगे का
यूँ बंद नहीं होगा गुणगान तिरंगे का
इंसानी मुखौटों में शैतान के चेहरे हैं
शेरों की सभाओं पर कुत्तों के भी पहरे हैं
खाते हैं नमक करते अपमान तिरंगे का
यूँ बंद नहीं होगा गुणगान तिरंगे का
जागे जो नहीं अपनी जागीर बना लेंगे
ये कासगंज को भी कश्मीर बना लेंगे
हरगिज न उजड़ने दो बागान तिरंगे का
यूँ बंद नहीं होगा गुणगान तिरंगे का
अब अपने ही मंदिर में जाने से भी रोकेंगे
भगवान के माथे से चन्दन को भी पोछेंगे
सम्मान दरिंदे का अपमान तिरंगे का
यूँ बंद नहीं होगा गुणगान तिरंगे का
हैं फूल वतन के सब हिन्दू भी मुसलमां भी
आज़ादी की ख़ातिर सबने दी है जां भी
सींचा है लहू देकर बागान तिरंगे का
यूँ बंद नहीं होगा गुणगान तिरंगे का
