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Share with friendsबुरा नहीं सुनेगे जब इनकी जेबें भरी रहेंगी। इंसान हैं बंदर नहीं...।
Submitted on 20 May, 2020 at 15:15 PM
उनकी ही तो दी हुई हैं, मैं तो अँधा था पुजारी जी। बंद कर लूँगा तो माँ आरती के दर्शन नहीं
Submitted on 10 May, 2020 at 09:00 AM
‘देवी माँ और एक वैश्या के शरीर में... माँ का ऐसा अपमान!
Submitted on 10 May, 2020 at 08:54 AM
“प्रेम की चादर को क्रोध की अग्नि जला नहीं सकती।” और बेटी की आँखों में चमक आ गयी।
Submitted on 27 Feb, 2020 at 09:44 AM
और वह व्यक्ति थैले की बाकी वस्तुओं का दहन करने में मग्न था।
Submitted on 27 Feb, 2020 at 09:41 AM
जाना-पहचाना नाम सुनते ही स्टीव के जेहन में चर्च के घण्टे बजने लगे। इतने तेज़ कि उसका सि
Submitted on 13 Feb, 2020 at 07:51 AM
त्यौहार में अपूर्णता क्यों है, यह किसी की समझ में नहीं आ रहा था
Submitted on 03 Feb, 2020 at 18:10 PM
यह किसान ही है, जो अपनी मेहनत का पसीना बहा, अलसी भौर में उनींदे नयन होते हुए भी सौंदर्
Submitted on 03 Feb, 2020 at 17:45 PM
संग्रहालय से इन खोपड़ियों और उनके इन्क़्वायरी टूल को फौरन हटा दें अन्यथा यह हमारे बच्चों
Submitted on 14 Jan, 2020 at 04:10 AM
अंगुली रख उसे चुप रहने का इशारा किया और राष्ट्रगान के लिए सावधान की मुद्रा में खड़ा हो ग
Submitted on 01 Jan, 2020 at 12:12 PM
अनुराग ने उस व्यक्ति का हाथ पकड़ लिया और चल दिया... उसके साथ उसका परिवार ढूँढने के लिए..
Submitted on 20 Sep, 2019 at 11:16 AM
उसने अपने जन्मदिन पर केक काटने से मना कर दिया बोली मॉम काटेगी क्योंकि पहले लेबर पेन हुआ उसके बाद वो पैदा हुई, इसलिए लेबर...
Submitted on 14 Aug, 2019 at 08:31 AM
रात को उसने खाने की थाली फेंक दी जिसकी वजह से पिताजी नाराज़ ह कर बिना खाए नौकरों वाले कमरे में चले गए और अभी तक बाहर नहीं...
Submitted on 28 Jun, 2019 at 05:58 AM
आइसक्रीम खा तो बेटी रही थी लेकिन जीवन में पहली बार उसे भी आइसक्रीम के स्वाद का अनुभव हो रहा था।
Submitted on 28 Jun, 2019 at 05:55 AM
बेटी की वजह से आज उसे देर हो गयी और सारा दिन काम गड़बड़ , गुस्से में घर आया पर जब उसी बेटी ने उसके लिए पहली चाय बनायी तो क...
Submitted on 28 Jun, 2019 at 05:54 AM
मोबाइल और सोशल मीडिया ने लोगो को जोड़ने से ज्यादा अलग कर दिया है, इसी तथ्य को समझाती एक कथा
Submitted on 27 Jun, 2019 at 04:21 AM
यह देख पहले के सचिव ने उसे एक सोने की छड़ी थमा दी और दूसरे का बेटा उसको अपने कंधे का सहारा दे कर ले चला।
Submitted on 27 Jun, 2019 at 04:19 AM
अब दोनों एक दूसरे के प्रबल विरोधी और शत्रु थे, अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेता।
Submitted on 27 Jun, 2019 at 04:17 AM
मित्र समझ गया था कि दोनों का चिकित्सक तो एक ही था, लेकिन बीमारी अलग-अलग थी।
Submitted on 27 Jun, 2019 at 04:13 AM
राजनीतिक दल भगत सिंह, गोडसे और गाँधीजी के नाम पर वाद-विवाद कर रहे थे, पर अचानक ऐसा कुछ हुआ की वो घबरा गए
Submitted on 21 Jun, 2019 at 10:38 AM
उसके लिए वो असहनीय था और ऐसे ही एक मौसम में चल बसी, आज यह काला सच मैं कैसे भुला सकता हूँ ?"
Submitted on 21 Jun, 2019 at 10:34 AM
"हाँ बेटा ! भगवान कृष्ण ने यही तो सिखाया है। विश्वास, लगन, मेहनत और ध्यान सबसे बड़ी ताकत है, यह साथ हो तो तुम्हारी जीत पक...
Submitted on 21 Jun, 2019 at 10:30 AM
बूढ़े को जब लड़की ने शुक्रिया कह कर पूछा की "आप कौन हैं?" तो उन्होंने बोला कि "मैं उसी संगठन का शहर प्रमुख हूँ, जिसके नारे...
Submitted on 21 Jun, 2019 at 10:28 AM
तमाशबीन खुश थे, आपस में लड़ने से निकम्मों की संख्या बढ़ रही थी और तमाशबीनों की दुकानों की आमदनी।
Submitted on 16 Jun, 2019 at 12:31 PM
राजनीतिक दल अ ने ब पर दोषारोपण की और ब ने अ पर अपने बच्चों के सामने आते ही चुप्पी साध ली
Submitted on 16 Jun, 2019 at 06:02 AM
उस कुतिया के पिल्ले अभी तक पूतना का स्तनपान कर रहे थे और उसके मृत चेहरे पर हँसी साफ़ दिखाई दे रही थी।
Submitted on 13 Jun, 2019 at 06:22 AM
खुले दरवाजे से छन कर आती रोशनी में पिताजी की आँखों के ख़ुशी और गम के मिले-जुले आँसू चमक रहे थे।
Submitted on 13 Jun, 2019 at 06:21 AM
यह शब्द कानों में पड़ते ही डगमगाते साथी के भी कदम सध गए और दोनों के पर्वत पर चढ़ने की गति पहले से बहुत तेज़ हो गयी।
Submitted on 13 Jun, 2019 at 06:19 AM
जिनका पूरा परिवार अब गहनों, कपड़ों और देश विदेश की यात्राओं का हिसाब लगाने में मग्न था|
Submitted on 12 Jun, 2019 at 17:34 PM
स्वामी जी को उसके जाने तक कुछ कहने के लिए शब्द नहीं मिल रहे थे।
Submitted on 12 Jun, 2019 at 17:30 PM
धरती ने सौर वायु से चैन की साँस लेते हुए मानवों का शुक्र अदा किया।
Submitted on 07 Jun, 2019 at 07:57 AM
सूर्य की संवेदनहीनता के अनुसार, कुछ सोचकर चित्र का शीर्षक रख लो।
Submitted on 07 Jun, 2019 at 07:54 AM
ठंड की धूप ने प्रत्युत्तर दिया, "सत्य है, तथापि यह अल्प जीवन मेरे लिये सार्थक है।
Submitted on 07 Jun, 2019 at 07:53 AM
आपकी जीवन शक्ति के साथ ये पाँचों तत्व भी पा कर मानव-जीवन सुरक्षित रहे।
Submitted on 07 Jun, 2019 at 07:52 AM
मेरा यह प्रयोग सफल रहा, एक छोटे से तारे का निर्माण हो गया।
Submitted on 07 Jun, 2019 at 07:27 AM
आप दोनों आज भी बहुत सारे व्यक्तियों में जीवित हैं, लेकिन उनमें कृष्ण मर गया...।"
Submitted on 05 Jun, 2019 at 10:13 AM
आज के सारे समाचार पत्र खरीदे और वहीं बाहर बैठ कर उन्हें एक-एक कर पढ़ने लगा,
Submitted on 05 Jun, 2019 at 10:07 AM
कटघरे के नीचे से धुएँ का एक गुबार उठा कटघरा धुएँ से भर गया।
Submitted on 05 Jun, 2019 at 10:06 AM
और दुश्मन देश में "भारत माता की जय" लिखे हुए कितने ही कागजों ने वहां की मिट्टी को ढक दिया।
Submitted on 02 Jun, 2019 at 03:31 AM
नहीं-नहीं! लेकिन इनके झगड़ों के शोर से मेरा दिल बम सा फट गया
Submitted on 01 Jun, 2019 at 18:07 PM
एक खेल खेलते हैं। अंधेरे में दूसरे को सिर्फ छूकर यह बताना है कि तुम उससे बेहतर हो और क्यों?"
Submitted on 01 Jun, 2019 at 18:01 PM
"फिर मैं भी कभी जन्म नहीं लूँगी।" "क्यूँ?" छोटी रूह ने भी सिहरते हुए कहा, "क्यूंकि रूहों के साथ कोई बलात्कार भी...
Submitted on 01 Jun, 2019 at 17:59 PM
चारों से यह सहन नहीं हुआ वो गुरु के पास गये और "उस एक" को मार डाला।
Submitted on 31 May, 2019 at 17:08 PM
अब उसने पहले से भी ज़्यादा जोश भरे स्वर में कहा, “जी हुजूर, जय हिंद सर।”
Submitted on 29 May, 2019 at 07:44 AM
जीवन भर तुम ने जो सही-गलत कहा, केवल घर में शांति रहे, इसलिए मैनें चुपचाप मान लिया। लेकिन मैं अपने पिता-धर्म को केवल शांत...
Submitted on 29 May, 2019 at 03:46 AM
राधा ने क्या कृष्ण से बच्चे जने थे माँ? उन्हें भी अलग कर दो अब
Submitted on 28 May, 2019 at 17:03 PM
महाभारत में पढ़ा था कि केवल वही एक व्यक्ति था, जो बुरा था – गलत राह पर था लेकिन उसने अपनी राह नहीं बदली। दुर्योधन जीवन पर...
Submitted on 28 May, 2019 at 17:00 PM
कलयुग में सावित्री नहीं तो सत्यवान जीत गया, वो बात और है कि असत्य कह कर।
Submitted on 28 May, 2019 at 16:21 PM
असमय दायित्व आने पर पहले तो वह एक वर्ष तक संभल ही नहीं पाई
Submitted on 28 May, 2019 at 05:17 AM
उस राज्य में फ़िलहाल चुनाव का मौसम नहीं है, इसलिए वहां के फल में रस की सम्भावना नहीं।
Submitted on 27 May, 2019 at 18:17 PM
कह तो मैं रहा था लेकिन आवाज़ शायद नीम में से आ रही थी।
Submitted on 27 May, 2019 at 18:00 PM
वह मित्र समझ चुका था कि दोनों का चिकित्सक तो एक ही था, लेकिन बीमारी अलग-अलग थी।
Submitted on 24 May, 2019 at 17:07 PM
उसने अपने बायीं तरफ देखा, वहां वह खुद ही खड़ा था और दाएँ तरफ भी वही।
Submitted on 23 May, 2019 at 03:30 AM
अपने तमगे देखते हुए उसकी आँखें उनकी रोशनी से चुंधियां रहीं थी।
Submitted on 23 May, 2019 at 03:28 AM
उसी अंदाज़ में वह सैनिक बोला, "सर... हम तो कामयाब हो गए... हमें दुश्मन का 200 किलो आरडीएक्स... बर्बाद करने में... कामयाबी...
Submitted on 21 May, 2019 at 03:24 AM
पत्ते ने स्नेहपूर्वक उत्तर दिया, "हाँ प्रिय भाई।" अब उसने आशंकित स्वर में प्रश्न किया, "लेकिन कुछ दिनों बाद यह रा...
Submitted on 24 Apr, 2019 at 17:33 PM
उसने दो पतीले लिये, एक में ‘सच’ को डाला दूसरे में ‘झूठ’ को। सच के पतीले में खूब शक्कर डाली
Submitted on 03 Feb, 2019 at 12:10 PM
जैसे आपने यह गन उठा रखी है, वैसे ही हमें झंडा उठाना पड़ता है। डैडी, मुझे भी झंडा खरीद कर दो.नहीं तो मैं.....
Submitted on 23 Jan, 2019 at 16:51 PM
यदि… सूर्य हाइड्रोजन को… हीलियम में ना बदले… तो उसका अंत भी ना हो…
Submitted on 23 Jan, 2019 at 08:29 AM
मैनें फेसबुक पर अपना प्रचार नहीं किया लेकिन हर दल की सरकार के विकास के कार्यों में हर संभव भाग लिया है..
Submitted on 14 Jan, 2019 at 17:07 PM
गाड़ी यूं ही उसके विचारों के साथ दौड़ती रही और वह अपने घर पहुँच गया, गाड़ी को खड़ी कर उसने दरवाज़े पर लगी घंटी को बजाया
Submitted on 14 Jan, 2019 at 17:01 PM
वास्तव में, लाल कोट अपना रूप बदलकर खिलौने और केक बन चुका था।
Submitted on 24 Dec, 2018 at 05:04 AM
शतरंज हवा में उड़ने लगा और उसके सिर के ऊपर चला गया, उसने ऊपर देखा तो शतरंज के पीछे की तरफ लिखा था - "चुनाव के परिणाम"।
Submitted on 12 Dec, 2018 at 05:01 AM
अब दोनों एक-दूसरे के प्रबल विरोधी और शत्रु थे, अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेता।
Submitted on 01 Dec, 2018 at 17:46 PM
समाचारपत्र खरीदे और वहीं बाहर बैठ कर उन्हें एक-एक कर पढने लगा। हर समाचारपत्र को पांच-छः मिनट देखता फिर निराशा से रख देता...
Submitted on 01 Nov, 2018 at 10:19 AM
जिन्होंने अपनों को खोया है ,वो क्या अब जीवनपर्यन्त दशहरे को ख़ुशी मना पायेंगे ? काश थोड़ी सर्तकता बरती गई होती
Submitted on 22 Oct, 2018 at 07:24 AM
"जानते हो रावण की भूमिका करने वाला असली ज़िन्दगी में भी रावण ही है, ऐसा कोई अवगुण नहीं जो इसमें नहीं हो।"
Submitted on 19 Oct, 2018 at 08:31 AM
लेकिन यह क्या ! कन्या के पैरों पर उसे उसका हाथ राक्षसों के हाथ जैसा दिखाई दिया।
Submitted on 14 Oct, 2018 at 11:08 AM
मैं जीता कब था ?अंग्रेजों के जाने के बाद आज तक मेरे भाई-बहन पराधीन हैं, मुट्ठी भर लोग उन्हें अपनी विचारधारा से पर कर रहे...
Submitted on 01 Oct, 2018 at 04:56 AM
न्यायाधीश के हृदय में करुणा जागी लेकिन जैसे ही उसने कानून की देवी की मूर्ती की तरफ देखा, स्वयं की आँखें भी बंद कर ली।
Submitted on 01 Sep, 2018 at 03:39 AM
जोश के साथ सैल्यूट किया, वहीँ पास रखी सिन्दूर की डिबिया उठाई
Submitted on 10 Aug, 2018 at 14:34 PM
गोली मार कर वह सीमा की तरफ दौड़ पड़ा, दुश्मन देश के सैनकों ने यह देखते ही उस पर दूर ही से गोलियों की बारिश शुरू कर दी
Submitted on 10 Aug, 2018 at 14:24 PM
स्वच्छता के नाम पर ढ़कोसला करने वालों पर कटाक्ष
Submitted on 01 Aug, 2018 at 04:38 AM
“भेड़िया आया…भेड़िया आया…” पहाड़ी से स्वर गूंजने लगा। सुनते ही चौपाल पर ताश खेल रहे कुछ लोग हँसने लगे। पढ़िए आगे की कहानी.....
Submitted on 01 Jul, 2018 at 13:42 PM
"सरकार ने दिया है, पुरखों ने जितना अस्पृश्यता को सहा है, उसके मुकाबले में आरक्षण
Submitted on 15 Apr, 2018 at 09:47 AM
ऐसा नहीं है कि आत्मा को वस्त्र की आवश्यकता नहीं होती। आत्मा का वस्त्र है ये एक मात्र शरीर......
Submitted on 14 Jan, 2018 at 13:41 PM
माँ...! तू ठीक है ना, बस तुझसे बिछड़ने का दर्द था।" आख़िरी सांस लेते-लेते उसने अपने माथे पर देश की मिट्टी से तिलक किया।
Submitted on 14 Jan, 2018 at 10:11 AM