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Nilabh Singh

Inspirational

3  

Nilabh Singh

Inspirational

तुम्हारी हिन्दी

तुम्हारी हिन्दी

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मैं इक खुशबू भीनी हूँ 

मैं तुम्हारी हिन्दी हूँ।

कड़वाहट में चीनी हूँ 

मैं तुम्हारी हिन्दी हूँ।

माथे पे इक बिन्दी हूँ 

मैं तुम्हारी हिन्दी हूँ।

नर्म हवा इक सीली हूँ 

मैं  तुम्हारी हिन्दी हूँ।

धूप जाड़े की पीली हूँ 

मैं  तुम्हारी हिन्दी हूँ।

नम आँखों सी गीली हूँ 

मैं  तुम्हारी  हिन्दी हूँ।

उर्दू की मीठी जीजी हूँ 

मैं  तुम्हारी  हिन्दी हूँ।

कभी शिव सी नीली हूँ 

मैं तुम्हारी हिन्दी हूँ।


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