गांव की मिट्टी
गांव की मिट्टी
गांव की मिट्टी की बात निराली है
यहां रिश्तो में अपनापन प्यार और कुर्बानी है
शुद्ध हवा मीठा यहां का पानी है
गांव की मिट्टी में में संस्कारों की बात है
खाते रोटी सब्जी और दाल भात है ।
अपने पराए का भेद नहीं
खेती-किसानी कर जीवन उंचा हो जाता है।
मिट्टी के खिलौने बनाकर बचपन गुजर जाता है।
मिट्टी यहां की औषधि है कहता हर प्राणी है ।
गांव कि मिट्टी की बात निराली है।