STORYMIRROR

Twinckle Adwani

Abstract Inspirational Others

4  

Twinckle Adwani

Abstract Inspirational Others

ऋतुराज बंसत है आई

ऋतुराज बंसत है आई

1 min
20


बदल रहा मौसम

फसल पक आई

चारों तरफ महक फूलो की

गुंजन भंवरों की

पक्षियों कि चहक पाई

ऋतुराज बसंत है आई 


हे ज्ञान देवी ज्ञान दे

 संगीत ,सुरों की पहचान दे

कला को एक मुकाम दे 

प्रेम उत्साह से भरे जीवन रंग

ऋतुराज बसंत है आई


जाग रही नई चेतना

 मां सरस्वती कि करें आराधना 

फल, फूल, मेवा, मिष्ठान का हो भोग

पीले फूल, पीला प्रसाद, पीले हो वस्त्र

चहुं और छाए खुशियों के रंग

 ऋतुराज बसंत है आई ।।3।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract