जीवन के बहुमुखी मोड़
जीवन के बहुमुखी मोड़
जीवन के बहुमुखी होते कुछ मोड़,
खट्टे मीठे अनुभव देते हैं सदा जोड़,
कभी मजबूत बना जाते हैं वो हमें,
कभी देते हैं अंदर से वो हमें तोड़।
था जीवन खुशियों से भरा हुआ,
उत्साह और उमंग से जड़ा हुआ,
न दुख के बादल थे न समस्याएं,
मुसीबत में सबके साथ खड़ा हुआ।
जीवन में अचानक काली घटा घिर आई,
रोग और बीमारी की बदली थी छाई,
सपने सारे टूट गए अरमान यूँ लूट गए,
उम्मीद की कोई किरण नहीं हमने पाई।
खुद को मजबूत बनाने का जतन किया,
बिना डरे आगे बढ़ने का सदा प्रण किया,
मुश्किलों से नहीं डरे कभी भी हम,
हौसलों और हिम्मत का मन में वचन लिया।
लिखने को अपनी पहचान बनाया,
अपने व्यवहार से सबको अपनाया,
सकारात्मक विचारों भरा जीवन हो,
यह बात खुद को पूरी तरह समझाया।
डरना और झुकना नहीं है ये जाना,
आत्मबल को अपनी ताकत माना,
अपनी कमजोरी को ही ताकत बनाया,
इस तरह हौसलों से है मंजिल को पाना।
