STORYMIRROR

Ruchika Rai

Abstract

4  

Ruchika Rai

Abstract

महादेव

महादेव

1 min
362

देवों के देव तुम महादेव, तुम जग सार हो,

तेरी कृपा जग पर पड़े महिमा अपरंपार हो।


कालों के काल तुम महाकाल हो,

तेरी शक्ति अद्भुत महिमा विशाल हो,

त्रिकालदर्शी ,त्रिनेत्रधारी, शंभु शिवशंकर,

दीनों पर कृपा करो तुम कृपाल हो।


उमापति कैलाशवासी चन्द्र ललाटधारी,

गंगा जी को जटा में रोका हे त्रिपुरारी,

भांग धतूर, मदार का भोग लगे तुम्हें,

गले में सर्पों की माला तुम कल्याणकारी।


ॐ रूप तुम ही हो हे भोले भंडारी,

भक्त गण के सारे कष्ट हरो महिमा तुम्हारी न्यारी

विश्वनाथ हो तुम वैद्यनाथ भी तुम,

तेरी कृपा से दूर हो जाये संकट हमारी।


गौरीशंकर, उमापति कैलाशवासी हे देवा,

शिवा के तुम शिव हो तुम्हारी पूजा है मेवा,

मृगछाल वस्त्र तुम्हारे हस्त है त्रिशूला,

विषपान तुम ऐसे करे जैसे हो कलेवा।


जय जय हो शिवशंकर शंभूनाथ महादेवा

विपदा जगत की दूर करो हे त्रिकालदर्शी देवा।


రచనకు రేటింగ్ ఇవ్వండి
లాగిన్

Similar hindi poem from Abstract