Ruchika Rai

Abstract

4  

Ruchika Rai

Abstract

होली

होली

1 min
378


प्यार के रंग में सभी रंग जाएं,

भेद दिलों की सारे ही मिट जाएं,

ईर्ष्या द्वेष नफरत को भूलाकर,

चलो मिलकर सबको गले लगाएं।


रंगों संग जिंदगी लगती रंगीन है,

रंगीन जिंदगी बन जाती हसीन है,

मिठास प्रेम की घोलें जीवन में,

जिंदगी थोड़ी खट्टी थोड़ी नमकीन है।


रंगों का नूर चेहरे पर सबके छाए,

कोई पल पल अपने रंग न बदल जाये,

सतरंगी रंगों में रंगकर जीवन को,

उदासियों के रंग को जीवन से हटायें।


रंग गुलाल से बदन लाल लाल हो,

हरा पीला भी लगे यारों कमाल हो,

पिचकारी से यारों रंगों की बौछार हो,

एक दूजे का सदा ही ख्याल हो।


जीवन की वीरानियों को चलो हम मिटायें,

रंगों से रंगकर जीवन में खुशियाँ लाएं,

उदासियों की कालिमा को हटाने के लिए,

चलो मिलजुलकर रंगोत्सव हम मनाएं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract