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Gurudeen Verma

Abstract

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Gurudeen Verma

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एक दास्तान जिंदगी

एक दास्तान जिंदगी

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मुझको तुमने दी है, एक पहचान जिंदगी।

इसलिए लिख रहा हूँ, एक दास्तान जिंदगी।।

मुझको तुमने दी है------------------।।


मुफलिसी के दौर में,तुमने नहीं किया निराश।

दुःख और दर्द में, तुमने नहीं किया हताश।।

मुसीबत में तुमने रखा,मुझको जवान जिंदगी।

इसलिए लिख रहा हूँ, एक दास्तान जिंदगी।।

मुझको तुमने दी है------------------।।


जुल्मों-सितम जमाने ने, मुझपे किये बहुत है।

हमदर्द झूठे बनकर,मुझको लुटा बहुत है।।

नहीं छोड़ा फिर भी तुमने, ईमान जिंदगी।

इसलिए लिख रहा हूँ, एक दास्तान जिंदगी।।

मुझको तुमने दी है------------------।।


तुमने सिखाया मुझको, जग में जीना जीवन।

हर आग में तपकर, बनाया स्वर्ण जीवन।।

पूरे किये तुमने मेरे, सारे अरमान जिंदगी।

इसलिए लिख रहा हूँ, एक दास्तान जिंदगी।।

मुझको तुमने दी है------------------।।


नसीहत देने वाले, मिले हैं बहुत मुझको।

जीना है जग में कैसे, तुमने सिखाया मुझको।।

बनाया तुमने मुझको, उम्दा इंसान जिंदगी।

इसलिए लिख रहा हूँ, एक दास्तान जिंदगी।।

मुझको तुमने दी है-------------------।।


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