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Twinckle Adwani

Romance Tragedy

4  

Twinckle Adwani

Romance Tragedy

तुम बहुत याद आते हो

तुम बहुत याद आते हो

1 min
316



जब टूट जाती हूं

ताने किसी के सह नही पाती हूं

बस,तुम्हें ही पास पाती हूँ ||1||


जब अकेले होती हूँ

तुम्हारी यादो संग हस्ती,रोती हूं

घुरती नजरो,तानो से तंग हो जाती हूँ

 तुम बहुत याद आते हो| ||2||


टूट जाता है अंतरमन 

जब जीवन कि सचाई समझ पाती हूं

आगे बढ़ते कदम जब रोक दिए जाते हैं ।

शब्दों के तीर हर वक्त दिए जाते हैं।

 तुम बहुत याद आते हो ||3||


शब्दों से तुम मुझे आगे बढ़ते थे।

मेरे ही नहीं सबके दिलों में तुम जगह बनाते थे

 रिश्तो में बंधन होता है।वक्त के संग रंग बदलता है।

 छोटे निर्णय में टोका जाता हैं।

 तुम औरतों कहकर रोका जाता है।

 तुम बहुत याद आते हो ||4||


 ओरते मल्टीटेलेन्टेड होती है,कहकर आगे बढाते थे।

 तुम संग नहीं मगर हर रंग में नजर आते हो ।

जब सपने टूट जाते हैं ,लगता है पंख काट दिए जाते हैं।

कहते थे.. जीवन को पंख दो सपनों को नए रंग दो 

रंगीन दुनिया अब बेरंगी नजर आती है।

हम अनकहे,उलझे,जीवन के संग है।

 तुम बहुत याद आते हो ||5||



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