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Rita Jha

Abstract

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Rita Jha

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शिक्षक हूँ

शिक्षक हूँ

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जीवन के पग पग पर मैं तो दिखता हूँ,

मैं एक शिक्षक हूँ, गुण छात्रों में भरता हूँ।


बढ़ाता हूँ शिष्य की लेखनी की धार,

बदले में चाहता नहीं फूलों का हार।

छात्र जग में ऊँची से ऊँची मुकाम पाएँ,

देख उनकी खुशी ग्रहण करता मैं आहार।।


जीवन के पग पग पर मैं तो दिखता हूँ,

मैं एक शिक्षक हूँ, गुण छात्रों में भरता हूँ।


जैसी भी परिस्थिति हो मैं नहीं डरता हूँ,

छात्रों के हित में पल पल खटता रहता हूँ।

उच्च विचार व सद्व्यवहार को छात्र अपनाए,

इसके लिए खुद को भी कसौटी में कसता हूँ।।


जीवन के पग पग पर मैं तो दिखता हूँ,

मैं एक शिक्षक हूँ

, गुण छात्रों में भरता हूँ।


चित्रकार की तूलिका पर प्रभाव मेरा दिखता,

संगीत की सुर लहरी में भी मैं ही तो दिखता।

कलाकार के कला के पीछे शिक्षक का हाथ,

रंगमंच के हर पात्र में मेरा निखरा रूप दिखता


जीवन के पग पग पर मैं तो दिखता हूँ,

मैं एक शिक्षक हूँ, गुण छात्रों में भरता हूँ।


इंजीनियर के नक्शे में आकृति मेरी झलकती,

चिकित्सक के इलाज में मेरी झलक मिलती।

मेरी पहुँच तो सदैव जीवन के हर क्षेत्र में होती,

मेरे ही कारण सबका जीवन सही आकार लेती


जीवन के पग पग पर मैं तो दिखता हूँ,

मैं एक शिक्षक हूँ, गुण छात्रों में भरता हूँ।



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