STORYMIRROR

Rita Jha

Abstract Others

3  

Rita Jha

Abstract Others

पहली मुलाकात

पहली मुलाकात

1 min
112

पहली मुलाकात की कशिश आज भी है।

राह चलते टकरा जाना याद आज भी है।

चली जा रही थी अपनी ही धुन में मगन

देखा जब तुझे सामने लगी दिल में अगन


अपनी अनूठी अदाओं से तुम मुझे लुभा रहे थे।

दिल की धड़कन बढ़ी, जब तुम पास आ रहे थे।

चाहा था दूर जाना, किया मैंने एक तगड़ा बहाना,

तुम्हारे प्यारे अल्फ़ाज़ों ने साधा दिल पर निशाना।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract