हिंदी की महिमा
हिंदी की महिमा
विश्व हिंदी दिवस
हिंदी की उत्थान जब से, बढ़ी भारत की शान।
हिन्द राष्ट्र की प्यारी हिंदी, भाषा सरल तू जान।।
मैं हिंदुस्तान का वासी हूँ, प्रिय हिन्दू का त्योहार है ।
विश्व मनोहर प्यारी बोली, भरपूर समाया संस्कार है।।
संत, सूर, कबीर, तुलसी का ,दोहा छंद सब रस के खान।
पकड़ के उंगली माँ के जैसी, सारे जग में दिए पहचान।।
आज विश्व हिंदी दिवस पर, भारत, माँ की है यही पुकार।
हिंदी संस्कृति से सम्मान अपना, बिंदी भाल करो श्रृंगार।।
रक्त बूंदों की धारा जैसे हिंदी, रग-रग, राग में बसती है।
आदि काल से कवियों से, विश्व में हिंदी रस छलकती है।।
जब भारत की शिक्षा, न्याय, चिकित्सा हिंदी में हो जायेगी।
शिक्षित हो बच्चे-बूढ़े हिंदी से, प्रखर हिंदुस्तान कहलायेगी ।।