बसंत आगमन
बसंत आगमन
जिंदगी का एक वर्ष कम हो गया।
कुछ पुरानी यादें पीछे छोड़ चला।।
कुछ ख्वाहिसे दिल में रह जाती है।
कुछ तो बिन मांगे भी मिल जाती है।।
कुछ छोड़ कर चले गये अपने।
कुछ आये व बिखर गए सपने।।
मिलेंगे कोई जीवन के सफर में।
महक उठेगी खुशबू तन-मन में।।
थे कुछ तो खुश मेरे अपने पराये।
पर मुझसे कुछ खफा भी बहुत हैं।।
कुछ मुझसे मिलकर भी भूल गये।
पर याद जो करते वे भी बहुत है।।
कुछ को बेसब्री से मेरा इंतजार है।
और कुछ मेरी कला से अनजान है।।
होता मुझ से भी सही और गलत।
पर मुझसे भी तो कोई परेशान है।।
याद भी आऊँगा उन्हें जो भी मिला।
ओ भी याद आएंगे जिससे मैं मिला।।
न दिया मैं किसी को शिकवा शिला।
न मुझे किसी से है शिकायत मिला।।