ब्रह्मचारिणी माता
ब्रह्मचारिणी माता
हे आदिशक्ति जगतजननी जगदंबे माता
हे मैया तू है जग की भाग्य विधाता
तेरी कृपा से होवे सुखों की बरसात
सब भक्त तेरा जयकार करें दिन रात।।
हे आदिशक्ति जगतजननी जगदंबे माता
हे मैया तू तो है बड़ी ज्ञानी व सर्वज्ञाता
भक्तों को अन्न वस्त्र की कमी न आता
आराधकों को बिन मांगे सब मिल जाता
हे आदिशक्ति जगतजननी जगदंब माते
बला कितनी भी भक्ति के रास्ते में आवे
तेरे ब्रह्मचारिणी रूप को नियमित जो ध्यावे
सुख समृद्धि से भरपूर लंबी आयु सो पावे।।
हे आदिशक्ति जगतजननी जगदंबे माता
पीत वसन पहन पीला ही भोग लगाता
मनोकामना सारा भक्त का पूरा होता
माता को ध्यावें सो नर बैकुंठ ही पाता।।