STORYMIRROR

Rita Jha

Abstract Classics

4  

Rita Jha

Abstract Classics

बेटियाँ

बेटियाँ

1 min
8

  
वसुंधरा का सबसे अनुपम नज़राना होती हैं प्यारी बेटियाँ।
वरदान मनचाहा मिले जो जीवन को,जन्म लेती प्यारी बेटियांँ।

मंदिर में गूँजती घंटियों सी ऊर्जा फैलाती प्यारी बेटियाँ।
गुरुद्वारे के पावन शब्द सी मन को सुकून देती प्यारी बेटियाँ।।

सरस्वती का अवतार, जीवन का आधार होती प्यारी बेटियाँ।
लक्ष्मी सी अन्न धन के भंडार भरती काबिल बन प्यारी बेटियाँ।।

दीपक की रोशनी सी जगमगामाती रहती है प्यारी बेटियाँ।
अवसर आए गर ज्वाला सी धधक अवगुण जलाए प्यारी बेटियाँ।।

अन्याय के खिलाफ पराक्रम दिखा देती हैं प्यारी बेटियाँ।
भाई के कंधे से कंधा मिला तत्पर चलती हैं प्यारी बेटियाँ।।

माता के अरमानों को पंख देकर उड़ान भरती प्यारी बेटियाँ।
मिले जो अवसर, अंतरिक्ष पर भी परचम लहराती प्यारी बेटियाँ।।

प्रीत से सिंचित करती मेदिनी को स्नेहमयी प्यारी बेटियाँ।
अवनि से अंबर पर्यन्त कीर्ति बढ़ा रही प्यारी बेटियाँ।।

रीता झा 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract