मैं भोली सी लड़की
मैं भोली सी लड़की
मैं भोली भाली सी लड़की नादान,
नहीं मुझे था मोहब्बत का ज्ञान.!
चाहने लगी उसे दिल से,
मान बैठी खुदा उसे खुद से.!
अजनबी लड़के से मोहब्बत कर बैठी,
ना ना करते खुद उसी को दिल दे बैठी.!
मैं उसकी उसके फरेबी बातों में आ गई,
ऐसे लड़के के ऊपर विश्वास कर गई.!
कुछ पल हंसी खुशी गुजर गए,
जिस्म की प्यास बुझी नियत उसके बदल गए .!
गलती मेरी ही थी मैं उसके करीब गई,
अब सब कुछ भूल कर आगे बढ़ गई.!.
