ब्याही लड़की
ब्याही लड़की
वो ब्याही लड़की ढूंढती है अपने पति में
अपनी मां और पिता को,
जो अपनों को छोड़ ब्याह कर तेरे संग आयी.।
वो ब्याही लड़की ढूंढती है
अपने आंगन का बचपन क्या वो बचपन तुम अपने आंगन में दिला पाओगे.।
वो अपने पति में देखती है अपनी दुनिया,
हर सुख दुःख मैं साथ और
दुनिया के लोगों से उसका अपना सुरक्षा कवच ।
सच में वो सब कुछ अपने पति में देखती है,
क्या उसकी सारी ख़्वाहिशें
पूरी कर पाओगे ।
एक लड़की
अपनों को छोड़कर संग तेरे आयी
क्या अपनों का एहसास, न एहसास होने दे पाओगे ।
बहुत आसान है पति बनना
क्या पथ सारथी जीवन भर के लिए बन पाओगे ।
नन्हीं सी चिड़िया के उड़ान भरने में क्या तुम उसके पंख बन पाओगे ।
