कलाकार
कलाकार
मुझे बनना है आत्मनिर्भर,
ताकि जीवन में ना रहना पड़े किसी पर निर्भर
अबला बेचारी ना कह सके कोई,
इसलिए करना है कठिन मेहनत
लाख बाधाओं से लड़ना है,
निरंतर अपने कदमों को बढ़ाते रहना है
संसार अपाहिज होता है तो हो,
मुझे दिखाना है अपना हुनर
शर्म हया के जेवर मुझे भी ना बनाया जाए,
समाज से रूढ़िवादिता को मिटाना है
मैं सिर्फ एक स्त्री ही नहीं,
बेटी बाहू पत्नी मां सास कई रूप हूं
पर्वतों पर भी अपना रास्ता बना लूंगी,
मैं एक ऐसी कलाकार हूं।
