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Sunanda Ray

Inspirational

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Sunanda Ray

Inspirational

मेरा सम्मान

मेरा सम्मान

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मैं सिर्फ एक नाम नहीं जो मिट जाए

मेरा भी एक सम्मान है।

घर के किसी कोने में पड़ी लावारिस वस्तु नहीं

जो धुुुल में अकेली बेेेजान है।।


मेरे कदम तो हमेशा आगे बढ़ने के लिए थे

तुमने ही बांध रखी है उनमें बेड़ियां हजार।

इस जमाने से मैं क्या शिकायत करूँ

मेरे अपनों ने ही बना दिया मुझे लाचार।।


मेरे सहनशक्ति की परीक्षा न लो

मैं कोई अबला और लाचार नहीं।

मेरे राहों के ठोकरों से लड़ने के लिए

मैं अकेली ही तैयार खड़ी।।


एक छोटी सी गुज़ारिश है सबसे

कि सम्मान नहीं तो अपमान न करें।

जो पूरे घर को रौशनी देती है

उसे बुझाने की सोच से भी डरें।।



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