STORYMIRROR

Sunanda Ray

Inspirational

3  

Sunanda Ray

Inspirational

मेरा सम्मान

मेरा सम्मान

1 min
418

मैं सिर्फ एक नाम नहीं जो मिट जाए

मेरा भी एक सम्मान है।

घर के किसी कोने में पड़ी लावारिस वस्तु नहीं

जो धुुुल में अकेली बेेेजान है।।


मेरे कदम तो हमेशा आगे बढ़ने के लिए थे

तुमने ही बांध रखी है उनमें बेड़ियां हजार।

इस जमाने से मैं क्या शिकायत करूँ

मेरे अपनों ने ही बना दिया मुझे लाचार।।


मेरे सहनशक्ति की परीक्षा न लो

मैं कोई अबला और लाचार नहीं।

मेरे राहों के ठोकरों से लड़ने के लिए

मैं अकेली ही तैयार खड़ी।।


एक छोटी सी गुज़ारिश है सबसे

कि सम्मान नहीं तो अपमान न करें।

जो पूरे घर को रौशनी देती है

उसे बुझाने की सोच से भी डरें।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational