मुझे उस किनारे जाना है
मुझे उस किनारे जाना है
मुझे उस किनारे जाना है
मुझे उस किनारे जाना है
जहां समझते नहीं प्यार के अर्थ
वहां प्यार का गीत सुनाना है।
जो साख टूट के दो हुए हैं
हिंदू, मुस्लिम में बांटे हुए हैं
उन्हें आल्हा का पैगाम देना है
कृष्ण के गीता सुनाना है।
भटके हैं जो जिहाद के नाम
करते हैं देशद्रोही का काम
उन्हें देश का अर्थ बताना है
उन्हें देश प्रेमी बनाना है।
जो हिंसा से बस्ती जलाते हैं
कितने परिवार को रुलाते हैं
उन्हें परिवारवाद सिखाना है
रिश्तों का मतलब बताना है।
गन्दी राजनीति करने वालों
देश को टुकड़ों में बांटने वालों
तुम्हे अब सबक सिखाना है
अखंड भारत हमें बनाना है।
देश में शांति देश की प्रगति
यही नारा अब हमें लगाना है
जो समझते नहीं प्यार की भाषा
उन्हें प्यार का नगमा सुनाना है।
मुझे उस किनारे जाना है
मुझे उस किनारे जाना है......
