मैं शायर हूँ
मैं शायर हूँ
"मैं शायर हूँ"
कभी खुशी तो
कभी गम लिखता हूँ..
प्रेम के शब्दों से
जीवन का संदर्भ लिखता हूँ...
बचपन की यादें
माँ का प्यार,बापू
के डांट और मेरे
दोस्तों के शरारत लिखता हूँ...
वो पहली बारिश
वो खेत खलियान
मेरे गांव की मिट्टी
और उसकी खुशबू लिखता हूँ...
वो होली,दीवाली
दशहरा की मस्ती
रक्षा बंधन और
बहन का मैं प्यार लिखता हूँ...
बच्चों के प्यार में
पत्नी की याद में
फोटो देख कर रात
बिताते घर से दूर
सरहद में खड़ा वो
सैनिकों की दास्तां लिखता हूँ.....