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kajal ni kalame

Abstract

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kajal ni kalame

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पुकार

पुकार

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ए जिंदगी खुशियों की बहार दे दे,

पुरी न सही किस्तों में उधार दे दे।


जी रहे जैसे कोई जंग हो जारी,

इस जंग में जीत का कोई सुझाव ही दे दे।


बैल सी मुसीबतें चुभा रही शिंग अपने,

इसे उखाड़ने का कोई तो उपाय दे दे।


बेशक लड़ेंगे आखरी दम तक ए जहनशी 

बस एकबार गले लगाके दो पल का प्यार ही दे दे।


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