यह इश्क नहीं इश्क हकीकत का बंधन होता है, जिसे अपनों के साथ खुशी का साथ मिलता है। यह इश्क नहीं इश्क हकीकत का बंधन होता है, जिसे अपनों के साथ खुशी का साथ मिलता ...
तेरी थी खुशी, तो खुद हमने, खुद को ही मिटा डाला। मोहब्बत को अपनी….. तेरी थी खुशी, तो खुद हमने, खुद को ही मिटा डाला। मोहब्बत को अपनी…..
बिछड़े हुए साथी फिर से मिलेंगे रूठे हुओ को मानना पड़ेगा। बिछड़े हुए साथी फिर से मिलेंगे रूठे हुओ को मानना पड़ेगा।