नफरत वाला प्यार
नफरत वाला प्यार
मोहब्बत को अपनी, तेरी नफरत से, मैंने सजा डाला,
तेरी थी खुशी, तो खुद हमने, खुद को ही मिटा डाला।
मोहब्बत को अपनी…..
चेहरा तेरा, दिल में लिए, फिरते रहे दीवानों से,
साथ थे, हर पल तेरे, फिर भी रहे अनजानों में।
हमें था यकीन, एक दिन, तुझ तक पहुंचेगा मेरा अफसाना,
तू जान कर, अनजान रही, हमने भी दिल को संभाला।
तेरी थी खुशी, तो खुद हमने, खुद को ही मिटा डाला।
मोहब्बत को अपनी…..
वो शाम भी, अजीब थी, दिल ने तुझे जब पाया था,
तेरे दिल की गली, में मैंने, अपना ही अक्स पाया था।
हमें था यकीन, गूँजेगा अब, हमारे भी मोहब्बत का अफसाना,
तुझे शर्म थी, हमने मोहब्वत, को पर्दों में था पाला।
तेरी थी खुशी, तो खुद हमने, खुद को ही मिटा डाला।
मोहब्बत को अपनी…..
आज याद है, वो रात भी, जब बात समझ ये आयी थी,
हम थे खड़े, उन्ही राहो पर, तुझको मोड़ रास आयी थी।
हमें था यकीन, रहेगा अब, अधूरा यूँही तेरा-मेरा ये अफसाना,
तेरी आँखों से गिरे, हमने पंकज, को सियाह कर डाला।
तेरी थी खुशी, तो खुद हमने, खुद को ही मिटा डाला।
मोहब्बत को अपनी…..