इश्क़
इश्क़
कुछ दिन नजर से नजर मिली होगी,
फिर याद उसकी दिल से लगी होगी
तेरे नैनों ने बसाया दिल में प्यार तेरा है,
तेरी यादों ने बनाया दिल में वो चेहरा है।
कुछ दिन की दूरियां जिंदगी में बनी होंगी
फिर जिंदगी प्यार से यूं ही गले लगी होगी।
आज की इश्कबाजी की यही फितरत है,
कल खत पहुंचने में ही सदियां लगी होंगी।
यह इश्क नहीं इश्क हकीकत का बंधन होता है,
जिसे अपनों के साथ खुशी का साथ मिलता है।
