STORYMIRROR

अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा

Inspirational

4  

अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा

Inspirational

सर्द हवाएं

सर्द हवाएं

1 min
12


सर्द हवाएं,

गरीब बूढ़ी महिलाएं,

ठिठुरत हाड़,

कंबल कहाँ बंटते,

पूंछती हाल पता,


आखिर कहाँ कौन,

बांटता कंबल,

कौन सुनै बतिया,

अब कौन बताई,

जोहि पूंछे सोई बताई,


मालूम नहीं मालूम,

कोई कह पूँछ बताई,

कल यहाँ वहाँ बंटे कंबल रजाई,

दोई चार कंबल सौ फोटो खिंचाई..


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational