देश रहे आबाद
देश रहे आबाद
प्रियतम मेरे आज, निभाने फर्ज चले हैं।
सीमा पर तैयार, चुकाने कर्ज चले हैं।
देश रहे आबाद, हमेशा शान रहेगी।
आज हिंद के वीर, सिपाही निडर चले हैं।।
थे वो दिल के पास, हमेशा साथ रहेंगे।
हमें नहीं अवसाद, वो हमसे दूर रहेंगे।
निज जननी पर आँच, कभी ना आने पाये।
उनको है विश्वास, सदा ही हम जीतेंगे।।
तुम बिन सूना गेह, तुम्हारा नेह साथ है।
संग दिल की धड़कन, शेष तुम्हारी याद है।
भारत माँ का लाल, तिरंगा थामे चलता।
माँ का है आशीष, आन पर मर मिटता है।।
हर्षित हूँ हर बार, वीर पति पाया हमने।
करती हूँ जयकार, वीरता पाई तुमने।
करने को दीदार, लोग भी उमड़ पड़े हैं।
नव-नव हैं प्रतिमान, गढ़े हैं रण में तुमने।।
