बन सखी उतर जाया करती हो मेरे विचारों के धरातल पर बन सखी उतर जाया करती हो मेरे विचारों के धरातल पर
शानो-शौकत में भी रखना याद, मात-पिता हैं बरगद की छाँव। शानो-शौकत में भी रखना याद, मात-पिता हैं बरगद की छाँव।
वरना पिंजरे में बंद कौए के आगे फैंक आऊंगा यह कागोश ! वरना पिंजरे में बंद कौए के आगे फैंक आऊंगा यह कागोश !
तोहरे नाम के सेनूर सईया मांग मे अपने भरली । जियब मरब हम संग तोहरे मन मे हमहूँ ठनली । तोहरे नाम के सेनूर सईया मांग मे अपने भरली । जियब मरब हम संग तोहरे मन मे हमहू...
स्त्री के इस ईश्वर रूप को सलाम है हर माँ को मेरा साक्षात दण्डवत प्रणाम है। स्त्री के इस ईश्वर रूप को सलाम है हर माँ को मेरा साक्षात दण्डवत प्रणाम है।
प्यार कभी अमृत तो कभी विष कभी जीवन तो कभी मृत्यु प्यार कभी अमृत तो कभी विष कभी जीवन तो कभी मृत्यु