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Dr. Pooja Hemkumar Alapuria

Inspirational

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Dr. Pooja Hemkumar Alapuria

Inspirational

हूँ तुम्हारा अंश मैं माँ

हूँ तुम्हारा अंश मैं माँ

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कर सकूँ बयाँ शब्दों में तुम्हें 

है संभव नहीं यह माँ,


हूँ तुम्हारा अंश मैं माँ,

तुम्हारे बिन नहीं कोई 

मेरा अस्तित्व जग में माँ,


भरी है जो किलकारियाँ

तुम्हारी गोद के ब्रह्मांड में, 


हैं अंकित मेरी अट्ठखेलियाँ 

तुम्हारे उर के अंत:स्थल में,


कटु थी तुम, 

मृदु भी रही तुम,


कर कमलों के मर्म स्पर्श ने  

दिया अथक मनोबल 

मेरे स्वाभिमान को, 


कभी सरिता,

तो कभी सागर सा

नेह बरसाया मुझ पर,


बन सखी उतर

जाया करती हो 

मेरे विचारों के धरातल पर, 


तो कभी बन ढाल 

फेर दिया पानी 

बेगानों के भ्रष्ट इरादों पर, 


न जाने पढ़ लिया करती हो

कैसे चेहरे के हाव-भावों को,


बन चाणक्य सिखा दिए 

दर्द, साहस, संघर्ष, विवेक, 

कला, कौशल आदि के पाठ, 


माँ! हो तुम पहेली आज भी,

कर सकूँ बयाँ शब्दों तुम्हें 

है संभव नहीं यह माँ,




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