मैं बिना जीवन जिए ही कब्र में पहुँच गया.. मैं बिना जीवन जिए ही कब्र में पहुँच गया..
उस क्षण गहरी साँसें लेते हैं आप, कुछ पल स्वयं में मौन हो जाते हैं... उस क्षण गहरी साँसें लेते हैं आप, कुछ पल स्वयं में मौन हो जाते हैं...
झर रहे अवसाद मन के पंखुड़ी बिखरी हवा में झर रहे अवसाद मन के पंखुड़ी बिखरी हवा में
रोजगार मुक्त भारत मे फैली यह कौन सी बीमारी है काम नहीं है हाथो को कैसी यह लाचारी है रोजगार मुक्त भारत मे फैली यह कौन सी बीमारी है काम नहीं है हाथो को कैसी यह ला...
हमेशा से ही अपनों के लिए जीती रही हूँ मैं हमेशा से ही अपनों के लिए जीती रही हूँ मैं
क्या यही है नियति जीवन की साँझ की, जीवन के अंत की, वृद्ध होने की ? क्या यही है नियति जीवन की साँझ की, जीवन के अंत की, वृद्ध होने की ?