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Bindiyarani Thakur

Inspirational

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Bindiyarani Thakur

Inspirational

हाँ अब मैंने यह ठाना है

हाँ अब मैंने यह ठाना है

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हाँ अब मैंने यह ठाना है कि 

अब और अंधेरे में 

कैद नहीं रहना है


तनाव और अवसाद 

की बेड़ियों से मुझे

आज़ाद होना है


ऐसी लाइलाज 

बीमारियों की

चपेट से मुझको

दूर ही रहना है


मन की ग्रंथियों 

को खोल कुछ 

रचनात्मक करना है 


खुली हवा को

 हर रोज

अपने फेफड़ों में 

भरना है


हमेशा से ही 

अपनों के लिए

जीती रही हूँ मैं 


ये ख्याल आया कि

जरा अपने लिए 

भी जीना है 


अवसादग्रस्तों की 

फेरहिस्त में मुझे 

शामिल नहीं होना है


अवसाद को लेकर

सबको जागरूक

 बनाना है 


धीरे-धीरे ये

मन के साथ-साथ

तन को भी खोखला 

बना रहा है


खुल कर बात करें 

इस विषय में 


समाज को  यह

संदेश पहुँचाना है


हाँ अब

 मैंने अब यह ठाना है।। 



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