शुरूआत
शुरूआत
चलो ना फिर से एक नई शुरुआत करें,
एक नये सफर का हम आग़ाज करें,
अतीत की गलतियों को पीछे छोड़,
एक नए दिन का आरंभ करें।
थोड़ा सा तुम खुद को बदलो,
थोड़ा हम भी अपने को बदलें,
एक दूसरे के रंग में रंग जाएँ,
बहुत हो गई लड़ाई,अब सुलह हो जाए।
एक दूसरे को थोड़ा समय दें,
अपने अहम् को त्याग दें,
हम माफ करना सीख लें,
हंस कर हम बातों को,
नज़रअंदाज करना सीख लें।
छोटी सी ज़िन्दगी में क्यों
इतना लड़ना झगड़ना है
चंद लम्हे तो साथ मिलते हैं
उनको प्यार से समेटना है।